Tuesday, February 7, 2012

लूट-खसोट पार्टी का घोषणापत्र

अशोक मिश्र

उस्ताद मुजरिम ने गर्जना की, ‘प्यारे अपराधी साथियो! भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा सहित पाव-पाव, छंटाक-छंटाक भर की पार्टियों ने अपने घोषणा पत्रों में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और सवर्णों के हितों की बात की, उनके लिए कई तरह की घोषणाएं कीं। उन्हें तरह-तरह के सब्जबाग दिखाए। किसी ने लैपटॉप देने को कहा, तो किसी ने जाति और धर्म के नाम पर आरक्षण दिलाने की घुट्टी पिलाई। कोई उत्तर प्रदेश को स्वर्ग और दलितों को स्वर्गवासी बना देने का दम भर रहा है। छोटी-बड़ी सभी पार्टियों का घोषणा-पत्र आप उठाकर देख लें, प्रदेश की अस्सी फीसदी जनता के लिए लोकलुभावन वायदे हैं। हालांकि उन्हें पूरा नहीं होना है। लेकिन मैं अपने अपराधी भाइयों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अगर आपने हमारे ‘अंतर्राष्ट्रीय लूट-खसोट मोर्चा’ के प्रत्याशियों को समर्थन दिया, उसे मौके पर रसद और चाकू से लेकर हैंडग्रेनेड और बम, पिस्तौल उपलब्ध कराते रहे, तो हम आपको पूरा प्रदेश खुलेआम चरने की छूट देंगे।’

उस्ताद मुजरिम लखनऊ में ‘अंतर्राष्ट्रीय लूट-खसोट मोर्चा’ की ओर से आयोजित जनसभा में बोल रहे थे। पिछले दिनों ही दिल्ली में तस्करों, हत्यारों, पॉकेटमारों, बलात्कारियों और गैरकानूनी कार्य करने वाले अपराधियों के दलों, गिरोहों को मिलाकर एक ‘अंतर्राष्ट्रीय लूटखसोट मोर्चा’ खड़ा किया गया था। इस मोर्चे ने उत्तर प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। मोर्चा ने सभी राजनीतिक पार्टियों के घोषणा-पत्र जारी हो जाने के बाद अपना घोषणा-पत्र जारी करने का फैसला लिया था। मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव मुजरिम ने घोषणापत्र जारी करने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमें अच्छी तरह से मालूम है कि कुछ सीटों पर मतदान हो चुका है, लेकिन हम आपको यह आश्वस्त करना चाहते हैं कि विपक्षी चाहे जितना जोर लगा ले, लेकिन जीत हमारी होगी। प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर हमारे प्रत्याशी जीतेंगे और हम देखना, एक दिन शान से सरकार बनाएंगे। जिन सीटों पर अपने मोर्चे के प्रत्याशी नहीं जीते, वहां भी प्रकारांतर से जीत अपनी ही होगी। ये दूसरे दलों में रहते हुए भी हमारे जैसे हैं।’

‘साथियो! हम वादा करते हैं कि अगर सूबे में हमारे मोर्चे की सरकार बनी, तो कट्टा, चाकू और देसी बम उद्योग को कुटीर उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। इस उद्योग से जुड़े अपराधियों को उद्यमी मानते हुए उन्हें रियायती दरों पर ऋण, जमीन और मशीनें मुहैया कराई जाएंगी। हत्या और तस्करी के आरोपियों को मुकदमा लड़ने के लिए मुफ्त वकील की सुविधा मुहैया कराने के साथ पकड़े जाने से लेकर सजा खत्म होने तक पांच हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।’ इतना कहकर उस्ताद मुजरिम सांस लेने के लिए रुके और फिर नारे लगाने वाले अंदाज में हाथ हवा में लहराते हुए बोले, ‘हमारी सरकार पॉकेटमारी, चाकूबाजी, राहजनी, भीड़ से बचने जैसी कला में नई पीढ़ी को पारंगत बनाने के लिए प्राइमरी से विश्वविद्यालय स्तर तक के कोर्स चलाएगी। इसमें विशेष निपुण छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी जाएगी। हम देश-प्रदेश की अपराधी जनता को यह आश्वासन देते हैं कि हमारी सरकार पुलिस की भर्ती पर रोक लगाएगी, ताकि हमारे अपराधी साथी बेखौफ अपने काम को अंजाम दे सकें। साथियो, मेरा तजुर्बा है कि पुलिस बल के रहने का कोई फायदा वैसे भी नहीं है। यह हम अपराधियों को कम, गरीब और शरीफ जनता को ज्यादा सताती है। पुलिस व्यवस्था खत्म करने से हम अपराधियों के साथ-साथ आम जनता भी राहत की सांस ले सकेगी। इससे हमारी आमदनी भी बढ़ेगी, क्योंकि आम जनता से झटक कर जो भी लाते हैं, उसका आधे से ज्यादा हिस्सा पुलिस वाले झटक ले जाते हैं।

मित्रो! एक बात हम आप लोगों को साफ बता देते हैं, महिलाओं से छेड़छाड़ और उनके साथ दुष्कर्म करने वालों को हमारा मोर्चा कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ हमें स्वीकार नहीं है। हम अपराधियों के भी कुछ उसूल होते हैं।’ इतना कहकर उस्ताद मुजरिम ने सभा बर्खास्त कर दी।

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