Wednesday, September 5, 2012

कम भ्रष्ट बनाम ज्यादा भ्रष्ट


-अशोक मिश्र
नवगठित ‘मन्ना पार्टी’ के प्रदेश कार्यालय में भारी भीड़ थी। ‘मन्ना पार्टी’ का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर जब राम निहोर जी पहली बार पार्टी कार्यालय आए, तो पिछले कई महीने से राम निहोर जी की गणेश परिक्रमा कर रहे कुछ मुंहलगे कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एक समारोह प्रदेश कार्यालय में आयोजित किया। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ‘अनशन प्रसाद’ भी बुलाए गए। राष्ट्रीय महासचिव अनशन प्रसाद, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राम निहोर जी सहित कई छुटभैये नेताओं के मंचासीन होते ही कार्यकर्ताओं ने जोश में नारे लगाना शुरू किया, ‘भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाएंगे, मन्ना जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे!...भ्रष्टाचार का नाश हो! सदाचार की जय हो!’ कार्यक्रम का संचालन कर रहे ‘लंबित लोकपाल’ ने सदाचारी कार्यकर्ताओं को शांत रहने का इशारा करते हुए कहा, ‘साथियो! आप सबको मालूम है कि दूसरे गांधी के खिताब से नवाजे गए मन्ना जी भारत को भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ एक राजनीतिक विकल्प खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी प्रयास के तहत राम निहोर जी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आप सब यह जानते ही होंगे कि मन्ना पार्टी में आने से पहले राम निहोर जी ‘राष्ट्रीय हेराफेरी संस्थान’ के अध्यक्ष थे, लेकिन आदरणीय मन्ना जी के आह्वान पर ये अपना सर्वस्व त्यागकर पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता बने और अब प्रदेश अध्यक्ष। मैं राष्ट्रीय महासचिव अनशन प्रसाद जी से आग्रह करता हूं कि वे दो शब्द कहकर हमें दिशा-निर्देश दें, ताकि हम उनके बताए मार्ग पर चल सकें।’
सबसे पहले बुलाए जाने से खफा महासचिव अनशन प्रसाद ने माइक को मजबूती से पकड़कर लगभग गुर्राते हुए कहा, ‘साथियो! आप सबके बीच अपने को पाकर मैं धन्य महसूस कर रहा हूं। एक बात आप साथियों से कहने का मन हो रहा है। बात यह है कि मन्ना दादा ने अनशन खत्म करने की घोषणा भले ही की हो, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अभी जारी है। हमारा केंद्रीय नेतृत्व देश भर में घूम-घूमकर भ्रष्टाचार के खिलाफ वातावरण तैयार कर रहा है। चूंकि अभी पूरा देश भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो सका है, ऐसे में पार्टी की मजबूरी है कि वह कुछ मामलों में लचीला रुख अपनाए। अत: जरूरत पड़ी, तो सिर्फ बीस फीसदी भ्रष्ट या दागी नेताओं को संगठन और पंद्रह फीसदी से कम भ्रष्ट व्यक्ति को सरकार में शामिल किया जाएगा।’
-इतना कहकर अनशन प्रसाद ने कार्यकर्ताओं पर एक निगाह डाली, ‘साथियो! अगर हम साफ-सुथरे और बेदाग छवि वाले अपेक्षित उम्मीदवारों को चुनने में असफल रहे, तो देश-विदेश से लाखों-करोड़ों रुपये अनुदान लेकर गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) चलाने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। एक ही शहर में आयोजित दो कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद दोनों संस्थाओं से आने-जाने का किराया लेकर डकार जाने वाले को चुनाव के दौरान पार्टी टिकट देने में सत्रह फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। लाखों रुपये आयकर बकाया रखने वालों को भी प्रमुखता दी जाएगी। ‘अब या तो मेरी लाश ही यहां से उठेगी या फिर सरकार मांगे मानेगी’ कहकर आमरण अनशन पर बैठने और बाद में सेहत की आड़ में अनशन से भाग लेने वालों को मन्ना पार्टी न केवल मंत्रिमंडल में शामिल करेगी, बल्कि उसे दूसरे राज्यों में होने वाले चुनावों के दौरान प्रचार भेजा जाएगा।’
महासचिव की बात सुनकर नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राम निहोर जी मुस्कुराए और फिर एकाएक गंभीर हो गए। उधर, महासचिव अनशन प्रसाद अपनी रौ में बोलते जा रहे थे, ‘आप लोग तो पिछले पैंसठ साल की इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह समझ ही गए होंगे कि इस देश में बेदाग और सदाचारी लोगों की बहुत कमी है। आजादी के एकाध दशक तक तो ईमानदार, सद्चरित्र और नैतिक आचरण को आत्मसात करने वाले मंत्री, सासंद, विधायक, नेता और अधिकारी बीस-पच्चीस फीसदी पाए जाते थे, लेकिन अब पूरी आबादी में एकाध प्रतिशत ही ऐसे लोग बचे होंगे। हमारी पार्टी ऐसे गुणी व्यक्तियों को विलुप्त प्राय मानती है और इनको संरक्षित करने के लिए चुनाव टिकट देने से लेकर पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण पद देने का प्रयास कर रही है। इस पर भी बात नहीं बनी, तो हमारी पार्टी कम भ्रष्ट लोगों को टिकट देकर उन्हें पहले संसद और विधानसभा में पहुंचाएगी और फिर हृदय परिवर्तन कर उन्हें सद्चरित्र, ईमानदार और नैतिक बनाने का प्रयास करेगी। लेकिन, एक बात आप लोगों के सामने स्पष्ट कर दूं, हमारी पार्टी की सरकार बनने पर दाल में नमक बराबर भ्रष्टाचार करने वालों को तो आम माफी दी जाएगी, लेकिन इससे ज्यादा भ्रष्ट लोगों को इस देश में रहने की कोई जगह नहीं मिलेगी।’ इतना कहकर महासचिव अनशन प्रसाद ने उपस्थित भीड़ को अभिवादन किया और अपनी जगह पर बैठ गए।

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