Thursday, October 8, 2015

महान होना है, तो बीवी से पिटो

अशोक मिश्र
अपने घर के बाहर रुआंसे से बैठे मुसई भाई आकाश की ओर निहार रहे थे, मानो भगवान से किसी बात की उलाहना दे रहे हों। मैंने पास जाकर उनके कंधे पर हाथ रखा, तो वे चौंक उठे। मैंने सहानुभूति जताते हुए पूछ ही लिया, 'आखिर बात क्या है मुसई भाई? आप इस तरह गमगीन क्यों बैठे हो? भाभी से कोई लड़ाई-झगड़ा हो गया है क्या? किसी ने कुछ कह-सुन दिया हो, तो बताओ, उसकी अभी टांग तोड़ देता हूं, लेकिन अगर यहां भाभी जी का मामला है, तो भइया तुम जानो, तुम्हारी बीवी जाने। उस पचड़े में मैं नहीं पडऩे वाला।' 
मेरी बात पर मुसई भाई की आंखें डबडबा आईं। बोले, 'अब सहन नहीं होता। अरे यार! बात-बात पर बीवी पीट देती है। अभी कल ही सब्जी थोड़ी ज्यादा तीखी हो गई, तो बीवी ने पीट दिया। भला बताओ, अगर सब्जी में थोड़ी मिर्च ज्यादा हो गई, तो कौन सी आफत आ गई? एक दिन तीखी सब्जी नहीं खा सकती थीं।'
मुसई भाई की बात सुनकर मैं हंस पड़ा, अरे मुसई! आप भी न...एकदम बौड़म हैं। आपको दुनियादारी की राई-रत्ती भी जानकारी नहीं है। अगर भाभी जी ने आपको पीटा है, तो इसके लिए आपको खुशी मनानी चाहिए, भंगड़ा पाना चाहिए, नाचना-गाना चाहिए कि आप बहुत जल्दी महान होने वाले हैं।'
मेरी बात सुनकर मुसई ने मेरी ओर निरीह भाव से निहारा, तो मैंने उन्हें समझाया, 'देखो..बिल क्लिंटन को जानते हो। अमेरिका के राष्ट्रपति हुआ करते थे। बड़े धाकड़ राष्ट्रपति थे, लेकिन वे अपनी बीवी से पिट जाते थे। इस बात का खुलासा इस महान राष्ट्रपति की जीवनी लिखने वाले महान लेखक ने की है। उनकी सारी महानता के पीछे उनकी पीटने वाली बीवी थी। महाकवि कालिदास, महाकवि भक्त शिरोमणि तुलसीदास महान कैसे बने?  वे महान पैदा ही हुए थे। इन्हें बस प्रेरणा की जरूरत थी। उस युग में पति और पत्नी के रिश्ते आज की तरह थोड़े न हुआ करते थे। दोनों अपनी-अपनी मर्यादा का पालन करते थे। बस, प्रेरणा के लिए इन दोनों महान भक्त कवियों को उनकी पत्नी थोड़ा-बहुत ऐसा-वैसा कह दिया, तो आज के युग में जी रहे लोगों ने अपने हिसाब से उसका अर्थ निकाल लिया। बात का बतंगड़ बना दिया।' इतना कहकर मैं सांस लेने के लिए रुका।
'यह तो तुम जानते ही हो। सारी दुनिया को थर्रा देने वाले हिटलर, मुसोलिनी..सबके सब अपनी बीवी और प्रेमिकाओं के सामने भीगी बिल्ली बन जाते थे। सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती थी। आपने कई बार 'मेरा भारत महान' का नारा लगाया होगा। आपने सोचा है कि यह नारा क्यों दिया गया। इस नारे का संबंध इस कहावत से है कि हर महान पुरुष के पीछे किसी स्त्री का हाथ होता है। बचपन में वह हाथ होता है, मां का, बहन का, भाभी का। और बड़े होने पर इनका स्थान ले लेती है बीवी। महान पुरुष के पीछे स्त्री का हाथ.. अब आप पीटने की मुद्रा का ध्यान करें। तो भइया, मेरा भारत महान इसलिए है क्योंकि इस देश की विवाहिताएं अपने पति को पीट-पीटकर महान बना देती हैं। कहा भी गया है, 'जो नर पीटे जात हैं बीवी से सौ बार/ उनके महान बनने में लगै न तनिकौ बार।' यहां बार का मतलब देर से है।'
मैंने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा, 'इस दुनिया में जितने भी महान लोग हैं, उनकी जीवनी उठाकर पढ़ लीजिए। वे घर से बाहर भले ही बहुत बड़े तीरंदाज रहे हों, लेकिन घर में घुसते ही वे कांपने लगते थे। बीवी या प्रेमिका अगर कहती थी, अभी तो रात है, तो मजाल है कि वे दिन कहने का साहस दिखा जाएं। जिन्होंने साहस दिखाया, वे महान बने हों, तो बताओ। हर महान व्यक्ति अपने जीवन में एकाध बार बीवी से पिटता जरूर है। अगर खुदा न खास्ता आप पिट गए, तो कौन सा आकाश टूट पड़ा। मैं भी तो हफ्ते में एकाध बार पिट जाता हूं। चलिए, उठिए और घर जाकर पहले की तरह काम-काज निबटाइए, हंसी-खुशी आफिस जाइए। मेरे तसल्ली देने से मुसई भाई का दुख कम हुआ। वे खरामा-खरामा घर में घुस गए। 

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